महर्षि दयानंद सरस्वती जी सर्वांगीण विकास के पुरोधा थे : डॉ. आयुषी शास्त्री
चण्डीगढ़, राखी: आर्य समाज, सेक्टर 7-बी का 66वाँ वार्षिकोत्सव धूमधाम से संपन्न हो गया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. आयुषी शास्त्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि लोगों में ईश्वर को लेकर भ्रांतियां हैं। इसका कारण जानने का प्रयास न करना है। आज लोग चमत्कारों पर विश्वास कर रहे हैं। ईश्वर प्राप्ति का साधन केवल परिश्रम है। यदि परिश्रम करोगे तो विजय बाएँ हाथ का खेल है। महर्षि दयानंद सरस्वती ने लोगों को सही रास्ता दिखाया। उन्होंने लोगों को राम और कृष्ण के चित्र की नहीं बल्कि चरित्र की पूजा करना बताया। श्री कृष्ण योगी थे । उन्होंने हताश निराश अर्जुन में जोश का संचार कर दिया था। वेद विद्या में पारंगत थे। उन्होंने वेदों को अपने जीवन में उतारा। गुरूकुल काँगड़ी वि.वि., हरिद्वार (उत्तराखण्ड) के पूर्व कुलपति, प्रो. (डॉ). रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी सर्वांगीण विकास के पुरोधा थे। उन्होंने देश की आजादी का बिगुल बजाया।भारत के विकास की दृष्टि में सामाजिक संरचना और समस्याओं का निराकरण करने के लिए भरसक प्रयास किया। देश की ज्वलंत समस्याएं, धर्म नीति, शिक्षा नीति, मानवता के ऊपर लगे कलंक, अस्पृश्यता, भेदभाव, छुआछूत, शोषण, बाल विवाह, अवतारवाद, मूर्तिपूजा, ढोंग, गुरुडम, विभिन्न मत मत मतांतरों आदि विरोध किया। गौ करुणानिधि में उन्होंने बताया है कि गौ पशुधन से अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता हैं। महर्षि दयानंद सरस्वती ने हर बात को वेद के आधार पर कहा है। पूर्व कुलपति, प्रो. (डॉ). रूप किशोर शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म में हर मानव का संस्कृत भाषा से सम्बन्ध जन्म से मृत्यु पर्यन्त है। डॉ. रमेश चंद्र बावा ने सारगर्भित व्याख्यान देते हुए कहा कि योग दर्शन में ईश्वर का वर्णन करते हुए बताया गया है कि ईश्वर पांच क्लेश अर्थात अविद्या, अस्मिता, राग, द्वेष, अभिनिवेश से परे है। ईश्वर का कर्म सृष्टि को उत्पन्न करना, धारण करना, और विनाश करके पुनः निर्माण करना है। ईश्वर निराकार होने के कारण वह सर्वज्ञ है। श्री राम और श्री कृष्ण आध्यात्मिक और भौतिक रूप से संपन्न होने के कारण भगवान हैं। भजनोपदेशक आ. मोहित शास्त्री ने मधुर भजन- सूनी हो गई भारत मां की गोद रे घनश्याम, सुदर्शन धारी आजा, कृष्ण मुरारी आजा, उठो दयानंद के सिपाहियों , समय पुकार रहा है। महर्षि दयानंद ने विष भरे प्याले पिए, वे सब कुछ भूल बैठे, उसने जो एहसां किये। । सचिव प्रकाश चंद्र शर्मा ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। आर्य समाज सेक्टर 7 बी, चंडीगढ़ के प्रधान रविंद्र तलवाड़ ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर प्रिंसिपल आरसी जीवन, डॉ. विनोद कुमार शर्मा, डॉ. विक्रम विवेकी, पवन पाल, सुरेश कुमार, धर्मवीर बत्रा, योगेंद्र कवात्रा, रामेश्वर गुप्ता, ललिता तलवार, प्रिंसिपल ज्योतिका आहूजा, स्वतंत्र कपूर, अमितेश शास्त्री, अशोक आर्य आदि उपस्थित थे।