चंद्रवंश में पुत्रवत जन्म लेने के लिए कृष्ण ने बुधवार का दिन चुना : श्री हरि ओम शरण जी महाराज

जीरकपुर : विश्वकर्मा सेवा समिति के तत्वावधान में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा का दिव्य आयोजन किया जा रहा है जिसमें उत्तर भारत के सुप्रसिद्ध कथा वक्ता पूज्य गुरुदेव श्री श्याम गोपाल जी महाराज जी के सुपुत्र श्री हरि ओम शरण जी महाराज द्वारा कथा का रसपान कराया जा रहा है। वैशाली एनक्लेव, बलटाना (जीरकपुर) में आयोजित की जा रही इस कथा के चतुर्थ दिवस की कथा में पूज्य महाराज श्री जी ने श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनते हुए बताया कि द्वापर युग में भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की आधी रात को मथुरा के कारागार में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था।

श्रीकृष्ण ने बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में जन्म लिया था। अष्टमी तिथि को रात्रिकाल अवतार लेने का प्रमुख कारण उनका चंद्रवंशी होना बताया जाता है। श्रीकृष्ण चंद्रवंशी, चंद्रदेव उनके पूर्वज और बुध चंद्रमा के पुत्र हैं। इसी कारण चंद्रवंश में पुत्रवत जन्म लेने के लिए कृष्ण ने बुधवार का दिन चुना। भगवान कृष्ण ने माता देवकी के आठवें संतान के रूप में जन्म लिया था। कृष्णजी का जन्म मथुरा में मामा कंस के कारागार में हुआ था. माता देवकी राजा कंस की बहन थी। इसीलिए भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। कथा के अंत में भगवान श्री कृष्ण को माखन मिश्री का भोग लगाया गया।

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