दीवाली के अवसर पर नुक्कड़ नाटक दीप दिवाली स्वच्छ दिवाली की बेहतरीन प्रस्तुती

चंडीगढ़, राखी : थिएटर आर्टस चंडीगढ़ के कलाकारों ने डिपार्टमेंट ऑफ इन्वायरमेंट के सहयोग से नुक्कड़ नाटक दीप दिवाली स्वच्छ दिवाली का मंचन सेक्टर 17 प्लाजा  में किया गया, चंडीगढ की जनता ने नुक्कड़ नाटक को बहुत पसंद किया , नाटक का लेखन व निर्देशन राजीव मेहता ने कियाl नाटक में दिखाया गया कि दशहरे के  बाद पटाखे और पराली के लागातार जलने से सारा  धुआं यमलोक पहुंच जाता है जिसके कारण महाराज यमराज को अस्थमा और सांस की बीमारी हो जाती है। चित्रगुप उन्हें बताते है कि यह पृथ्वी लोक पर लगातार प्रदूषण बढ़ने के  कारण  हो रहा है।महाराज क्रोधित हो जाते है और वो चित्रगुप्त को फौरन धरती पर चलने का आदेश देते है ।धरती पर आकर वह देखते है कि लोग  अनजाने मे  पटाखों और पराली जलाने के कारण कई प्रकार की बीमारियों जैसे  अस्थमा,चिकनगुनिया, व के शिकार होने कारण मर रहे है।तब यमराज उन्हें समझाते है कि व्यर्थ में इतने ज्यादा पटाखे मत चलाओ अगर चलाने ही है तो इको फ्रेंडली पटाखे चलाओ। नाटक द्वारा लोगों को यह संदेश दिया गया कि इस बार दिवाली हर घर दीप जला कर मनाएं और यह प्रयत्न करें कि दिवाली के दिन अपने घर पड़ोस शहर की पूरी सफाई का ध्यान रखें, ताकि प्रदूषण और गंदगी से कोई बीमारी ना फैले , जैसे कि डेंगू चिकनगुनिया और अन्य किसी भी प्रकार की बीमारी ना फैले, और इको फ्रेंडली पटाखों का प्रयोग करें जिससे धुआँ कम हो और प्रदूषण हवा में ना घुले ,इस नाटक को लोगों ने बहुत सराह। नाटक में चंडीगढ़ के कलाकार, राजीव मेहता, योगेश अरोड़ा, अवदेश कुमार ,भूपिंदर सिंह सन्धू,  आशा सकलानी,राहुल वर्मा, आशीष सिंह, मलकीत सिंह,सनव, सदीप कुमार ,कनव, अधिराज एवम सनी ढिलो, आदि कलाकारों ने अपनी भुमिका निभाईl मेहता जी ने यह भी बताया कि नुक्कड़ नाटक से समाज मे जागरुकता का एक विशेष महत्व है और लोग इसे आसानी से देखते और समझते है तथा आनंदित होते है , साथ ही साथ उन्होने कहा कि  वो अपने नाटक मे साधारण भाषा का प्रयोग करते हैं और दर्शक मंत्र मुगध हो जाते हैंl

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