एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के साथ समावेशी दुनिया के लिए वकालत…

हर व्यक्ति को उसकी यौन पहचान या लिंग पहचान के बावजूद सुरक्षा, अवसर और सम्मान प्राप्त होने चाहिए : कैरोलीन रोवेट, उप उच्चायुक्त, ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन, चण्डीगढ़ 

एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के साथ समावेशी दुनिया के लिए वकालत, अधिकार और सुधार विषय पर चण्डीगढ़ राउंडटेबल कांफ्रेंस आयोजित

चण्डीगढ़, राखी : एलजीबीटी.क्यू.आई.ए+ समुदाय के साथ समावेशी दुनिया के लिए वकालत, अधिकार और सुधार विषय पर एक राउंडटेबल सम्मेलन का आयोजन चण्डीगढ़ में किया गया। यह सम्मेलन ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन, चंडीगढ़ द्वारा समर्थित और सामाजिक समावेश के लिए समर्पित हैदराबाद स्थित एनजीओ रूबरू’द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में सरकारी प्रतिनिधि, कानूनी विशेषज्ञ, सिविल सोसायटी के सदस्य, मीडिया कर्मी, चिकित्सा विशेषज्ञ, शिक्षाविद, कॉलेज के छात्र, सामाजिक कार्यकर्ता और एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के सदस्य शामिल हुए। ब्रिटिश डिप्टी हाई कमीशन, चण्डीगढ़ की उप उच्चायुक्त कैरोलीन रोवेट ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि यूके सरकार इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि हर व्यक्ति को उसकी यौन पहचान या लिंग पहचान के बावजूद सुरक्षा, अवसर और सम्मान प्राप्त हो। यह सम्मेलन सिर्फ एक चर्चा नहीं है, बल्कि सार्थक संवाद और सहयोग का एक मंच है। यह सुनने, सीखने औरसबसे महत्वपूर्ण कार्रवाई करने का अवसर है। साथ मिलकर, चलिए एक अधिक समावेशी समाज के रास्ते तलाशते हैं, एक ऐसा समाज जहां विविधता का स्वागत किया जाता है, हर कोई सुरक्षित और मूल्यवान महसूस करता है, और समान अवसर सबके लिए सुलभ हैं। चंडीगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग (सीसीपीसीआर) की अध्यक्ष शिप्रा बंसल और पीसीएस अधिकारी राकेश पोपली विशेष अतिथि के रूप में सम्मेलन में शामिल हुए और प्रतिभागियों को संबोधित भी किया। सम्मेलन ने एलजीबीटीक्यूआईए+ अधिकार कार्यकर्ताओं, समुदाय के सदस्यों, विद्वानों, अधिवक्ताओं और सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों को रचनात्मक संवाद और सहयोग के लिए एक मंच प्रदान किया। प्रतिभागियों ने समावेशिता में बाधाओं को दूर करने और समुदाय के अधिकारों को बढ़ावा देने के लिए अनुभव, अंतर्दृष्टि और नवाचारी विचार साझा किए। सभी पक्षों ने इस बात पर जोर दिया कि सामूहिक प्रयास और सहयोग के माध्यम से एक ऐसा माहौल बनाया जा सकता है जहां हर व्यक्ति सुरक्षित, मूल्यवान और सम्मानित महसूस करे। चर्चाओं ने सभी सहभागियों की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित किया कि एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत समाज के निर्माण के लिए कार्य किया जाएगा।

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