पंजाब के राज्यपाल और यूटी चंडीगढ़ के प्रशासक ने ‘पोषण उत्सव’ पुस्तक का किया विमोचन

चंडीगढ़, राखी: पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक ने आज राजभवन में आयोजित एक विशेष समारोह में ‘पोषण उत्सव’ पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक का प्रकाशन दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा किया गया है। यह पुस्तक भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपरागत भोजन प्रणालियों और पोषण के महत्व को दर्शाती है। इस अवसर पर पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन की सराहना की और कहा कि उनका जीवन सादगी और समर्पण का प्रतीक था। उन्होंने बताया कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने न केवल समाज के वंचित और गरीब वर्ग के लिए कार्य किया, बल्कि उन्होंने भारतीय संस्कृति और राष्ट्रवाद को मजबूत करने का भी प्रयास किया। राज्यपाल ने कहा कि यह पुस्तक समाज के हर वर्ग और हर आयु के लोगों के लिए उपयोगी साबित होगी और हमें एक स्वस्थ समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करेगी।राज्यपाल ने कहा कि ‘पोषण उत्सव’ पुस्तक समाज में पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने और संतुलित भोजन की महत्ता समझाने में सहायक होगी। उन्होंने सभी से इस पुस्तक को पढ़ने और इसके संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने का आह्वान किया।उन्होंने मोटे अनाज (मिलेट्स) की महत्ता को रेखांकित करते हुए इसे वर्तमान समय में स्वस्थ और टिकाऊ भोजन का बेहतरीन विकल्प बताया। इस पुस्तक का संपादन श्री अतुल कुमार जैन, महासचिव, दीनदयाल शोध संस्थान, के नेतृत्व में किया गया है। उन्होंने अपनी टीम के साथ 26 राज्यों का दौरा कर स्थानीय लोक संस्कृतियों और परंपराओं का अध्ययन किया और उसे इस पुस्तक में शामिल किया। कार्यक्रम में श्रीमती सुखविंदर बराड़, विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों, शिक्षाविदों और समाजसेवियों ने हिस्सा लिया।

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