एमएसएमई को सशक्त बनाकर क्रेडिट का विस्तार किया जाना आवश्यक है

भारत में एमएसएमई क्रेडिट की पहुँच केवल 14 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका में यह 72 प्रतिशत एवं अन्य देशों में 40 से 50 प्रतिशत है

बैंकर्सक्लब ने चण्डीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बाजार का विस्तार किया और अपनी पहली को-पार्टनरशिप लॉन्च की

उत्तर भारत के राज्यों का नेतृत्व बैंकर्स क्लब के पहले को-पार्टनर और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर (ईडी), श्री राजीव पुरी करेंगे

मार्च, 2025 तक इस फिनटेक प्लेटफॉर्म द्वारा 1,000 से ज्यादा रिटायर्ड बैंकर्स को जोड़े जाने की योजना

 

चण्डीगढ़, राखी: भारत में एमएसएमई क्रेडिट की पहुँच केवल 14 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका में यह 72 प्रतिशत एवं अन्य देशों में 40 से 50 प्रतिशत है। इसलिए एमएसएमई को सशक्त बनाकर क्रेडिट का विस्तार किया जाना आवश्यक है। ये कहना था बैंकर्सक्लब के फाउंडर एवं सीईओ, रजत चोपड़ा का, जो आज यहां एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे उन्होंने इनोवेटिव फिनटेक, बैंकर्सक्लब के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसके जरिये वे अनुभवी बैंकर्स की मदद से वित्तीय एडवाईज़री के क्षेत्र में परिवर्तन लाने में जुटें हैं। उन्होंने भारत के उत्तरी भारत राज्यों और केंद्रीय प्रांतों, जैसे चण्डीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में विस्तार करने की अपनी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि इस विस्तार का नेतृत्व संगठन के पहले को-पार्टनर, राजीव पुरी द्वारा किया जाएगा, जो एक अनुभवी बैंकिंग विशेषज्ञ और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व एग्ज़िक्यूटिव डायरेक्टर हैं। बैंकर्सक्लब इन क्षेत्रों में 1000 से ज्यादा बैंकर्स को शामिल करने के लक्ष्य के साथ अपने क्षेत्रीय कदमों को मजबूत बना रहा है। अपनी विस्तार योजनाओं के अंतर्गत संगठन ने चण्डीगढ़ में अपना नया ब्रांच ऑफिस खोला है, जो शहर के बीच सेक्टर 17 में स्थित है। इस क्षेत्र में कंपनी का संचालन इसी ऑफिस से किया जाएगा। कंपनी द्वारा योग्य पूर्व बैंकर्स की मदद से छोटे व्यवसायों, एमएसएमई, और स्टार्टअप्स को अनेक रणनीतिक कॉर्पोरेट फाईनेंशल एडवाईज़री सेवाएं और समाधान प्रदान किए जाएंगे। राजीव पुरी को बैंकिंग के क्षेत्र में गहन अनुभव है। वो पीएनबी और सेंट्रल बैंक में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। अब वो अपने ज्ञान और विशेषज्ञता के साथ बैंकर्सक्लब में सेवाएं देंगे। पंजाब में जन्मे पुरी के पास स्थानीय नेटवर्क और उत्तर भारत के बाजार की गहरी समझ है। वो चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल आदि उत्तर भारत के बाजारों में गहरे संबंधों और क्षेत्रीय व्यवसाय का विकास करेंगे। चंडीगढ़ में नया ऑफिस उत्तर भारत में बढ़ते नेटवर्क को मजबूत करेगा, जिससे सुगम संचालन संभव हो सकेगा। राजीव पुरी के नेतृत्व और विस्तृत नेटवर्क के साथ हम अब इस विकसित होते हुए व्यवसायिक केंद्र में मजबूत स्थिति में आ गए हैं और स्थानीय कॉर्पोरेट्स, एमएसएमई एवं स्टार्टअप परिवेश के साथ सीधे संपर्क कर सकेंगे।’’

राजीव पुरी, डायरेक्टर एवं को-पार्टनर, बैंकर्सक्लब ने कहा कि वे भारत में अनुभवी बैंकिंग प्रोफेशनल्स और बढ़ते हुए व्यवसायों के बीच की दूरी को कम करने के बैंकर्सक्लब के मिशन का हिस्सा बनकर उत्साहित हैं। चंडीगढ़ के ऑफिस से हम अनुकूलित फाईनेंशल एडवाईज़री सेवाएं प्रदान करते हुए उत्तर भारत के उद्योगों के साथ अपना संबंध मजबूत करने में समर्थ बनेंगे। हम दशकों के बैंकिंग अनुभव की मदद से व्यवसायों को विकास के अवसरों का लाभ उठाने, अपनी वित्तीय स्थिति सुधारने, और वित्तीय चुनौतियों का ज्यादा प्रभावी ढंग से सामना करने में मदद करेंगे। को-पार्टनर के रूप में मैं इस मिशन को आगे बढ़ाने और देश में बैंकर्सक्लब का विस्तार करने के लिए उत्साहित हूँ। रजत चोपड़ा ने कहा कि उद्यमों के लिए पूंजी की उपलब्धता टू-टियर और थ्री-टियर शहरों में विस्तार करके ही प्रदान की जा सकती है, जहाँ पर फंडिंग के अवसरों, ट्रांज़ैक्शन फ्लो और उपलब्ध वित्तीय सुविधाओं के बारे में जानकारी की कमी है। बैंकर्सक्लब में हम छोटे शहरों में एक उत्प्रेरक के रूप में पूंजी प्रदाताओं और पूंजी के जरूरतमंदों के बीच की दूरी को कम करना चाहते हैं। बैंकर्सक्लब डेब्ट एवं ईक्विटी फंडरेज़िंग, डेब्ट रिस्ट्रक्चरिंग, इंटरनेशनल एक्सपैंशन, एनपीए रिज़ॉल्यूशन, मर्जर और एक्विज़िशन, एमएसएमई एडवाईज़री, रैगुलेटरी अनुपालन आदि क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करता है। यह केवल फाईनेंसिंग में ही नहीं, बल्कि क्षेत्र में विस्तृत आर्थिक परिवेश के विकास में अपना योगदान देता है। मानवपूंजी के पुनः उपयोग का इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य मेक इन इंडिया अभियान से मेल खाता है, जो देश एवं विदेशों में कॉर्पोरेट्स के लिए भारतीय एडवाईज़र्स की विशेषज्ञता द्वारा जीडीपी बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। इस स्टार्टअप द्वारा भारत में रिटायर्ड बैंकर्स को शामिल करते हुए मार्च 2025 तक अपने प्लेटफॉर्म से 1000 से ज्यादा बैंकर्स को जोड़ने का लक्ष्य है। यह प्लेटफॉर्म बहुत तेजी से विस्तार कर रहा है और देश के मुख्य व्यवसायिक केंद्रों में अपनी पहुँच स्थापित करके एमएसएमई एवं कॉर्पोरेट परिवेश को अपनी सेवाएं दे रहा है।

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