चण्डीगढ़, राखी: अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस (19 नवम्बर) के अवसर पर एनजीओ सेव इंडियन फैमिली (एसआईएफ) ने मंथन आर्ट्स एंड थिएटर सोसाइटी के सहयोग से सुखना झील पर एक नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया। इस नुक्कड़ नाटक ने समाज में पुरुषों के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों पर प्रकाश डाला, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य, संघर्ष, झूठे मामलों की बढ़ती संख्या और पुरुषों के मुद्दों पर सरकार और समाज का ध्यान न देना शामिल है। संस्था के स्वयंसेवकों ने दर्शकों के बीच चॉकलेट भी बांटी। संस्था के अध्यक्ष रोहित डोगरा ने बताया कि इस आयोजन के जरिये आम जनता को पुरुष भी इंसान है व मर्द को भी दर्द होता है का संदेश दिया गया तथा पुरुषों के अधिकारों, पत्नियों द्वारा लगाए जाने वाले झूठे आरोपों, पक्षपाती कानूनों और समर्थन प्रणालियों की कमी जैसे मुद्दों को उठाते हुए नाटक ने सामाजिक और कानूनी दोनों ढांचों में पुरुषों के साथ समान व्यवहार की वकालत की गई। रोहित डोगरा ने इस अवसर उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए कहा कि पुरुष परिवार और समाज की रीढ़ हैं, फिर भी उनके मुद्दे अक्सर उपेक्षित रह जाते हैं। इस नुक्कड़ नाटक के माध्यम से, हमारा उद्देश्य पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य, पालन-पोषण में उनकी भूमिका और उनके सामने आने वाली सामाजिक चुनौतियों के बारे में एक बहुत जरूरी संवाद शुरू करना है। मंथन आर्ट्स एंड थिएटर सोसाइटी के साथ सहयोग करने से हमें इन संदेशों को रचनात्मक और प्रभावी ढंग से पहुंचाने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि संस्था आत्महत्या और अन्य मुद्दों के बढ़ते मामलों से निपटने के लिए पुरुषों के लिए एक राष्ट्रीय आयोग के गठन की मांग को लेकर आवाज़ उठाती रहती है। 2005 से सेव इंडियन फैमिली पुरुषों के अधिकारों और पारिवारिक सद्भाव की वकालत करने में जुटी हुई है व संकट में फंसे पुरुषों के लिए भारत की सबसे बड़ी हेल्पलाइन एसआईएफ वन : 08882-498-498 संचालित करती है, जिसमें हर महीने लगभग 5,000 से अधिक कॉल्स प्राप्त होती हैं। आज के कार्यक्रम में महेश कुमार, रजत आहूजा, प्रथम मित्तल, हरदीप सिंह, जसजोत सिंह, रविंदर सिंह, अमनदीप सिंह, गौरव रहेजा, केसी शर्मा, अंकुर शर्मा, जसदीप सिंह व डॉ. नवीन कुमार शामिल हुए।