विश्व प्रसिद्ध श्री कृष्ण लीला नाटक का सफल मंचन

चंडीगढ़, राखी: ट्राई सिटी मे जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर पहली प्रस्तुति थिएटर आर्ट्स चंडीगढ़ के कलाकारों और चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के सहयोग से सभंव हुई। इस कार्यक्रम में श्री कृष्ण जी के जन्म से लेकर उनके युवावस्था और रासलीला को बहुत ही बा खूबी और संगीतमय रूप में दिखाया गया।  श्री कृष्ण जन्म दृश्य पर संगीत नंद घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की पर दर्शक मंत्र मुग्ध हुए। इस नाटक के निर्देशक राजीव मेहता ने बड़ी कुशलता से प्रत्येक दृश्य को दिखाया । देवकी और वासुदेव की विवाह से लेकर कृष्ण जन्म तथा कृष्ण की रासलीलाएं संगीत से सराबोर रही। श्री कृष्ण द्वारा की गई अनेकों लीलाओं को प्रत्यक्ष रूप में दर्शकों को दिखाया जैसे कि कृष्ण जन्म के बाद बालकृष्ण द्वारा पूतना वध। थोड़ा बड़ा होने पर बालकृष्ण द्वारा माखन चोरी प्रसंग। गोपियों की मटकियां फोड़ना। गोपियों द्वारा यशोदा मैया को नटखट कान्हा की शिकायत करना। पवित्र नदी यमुना का पानी जहरीला करने पर कालिया नाग को यमुना नदी छोड़ने पर विवश करना। देवराज इन्द्र के प्रकोप द्वारा भयंकर वर्षा करने पर बृजवासियों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठाना जैसे मनमोहक दृश्यों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके उपरान्त श्री कृष्ण द्वारा राधा और गोपियों संग रासलीला का प्रसंग जो लगभग 17 मिनट तक चला ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। अंत के भावपूर्ण दृष्य जैसे कि यशोधा मैया और बाबा नंद को श्री कृष्ण के वास्तविक माता पिता देवकी और  वासुदेव के बारे में पता चलना और धोखे से कंस के बुलावे पर श्री कृष्ण और बलराम का मथुरा पहुंच कर कंस और अन्य राक्षसों का वध करना। सबसे आकर्षित करने का नाटकीय अदांज कलाकारों द्वारा पेश किया गया । इस लाइट एंड साउंड प्रोग्राम में कंस वध का बहुत ही रोचक दृश्य दिखाया गया । बुराइयों और अत्याचारियो का अंत किस प्रकार से होता है। कृष्ण लीला में बताया गया कि कर्म ही श्रेष्ठ है । इसका फल हम सभी को हमारे किए  गए कर्मो के अनुसार ही मिलता है श्री कृष्ण लीला  का निर्देशन राजीव मेहता ने किया तथा लेखन जयप्रकाश भट्ट ने किया।  रूप सजा मुनीष कपूर ने किया।। लगभग  2 घंटे 15 मिनट चले इस नाटक को लोगो ने खूब सराहा । इन कलाकारों ने  भाग लिया राजीव मेहता, योगेश अरोडा, मुनीश कपूर , सतपाल सिंह गौरी बनमोरीया,ज्योति रमेश भारद्वाज, बलकार सिद्धू , आशा सकलानी, भूपिन्दर सिंह सन्धू , आधशक्ति कौशल , तेजिंदर जोशी कनव,रमेश भारद्वाज,सनवअभिराज, अरुण शर्मा,राहुल वर्मा,आशीष रौतेला,  हरप्रीत सिंह, अवदेश कुमार,, तृष्णा भारद्वाज, ऋतु भंडारी भारद्वाज और विशु सिंह, थे।

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