बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हमले वहां की सरकार की मौन स्वीकृति तथा सक्रिय भागीदारी के साथ हो रहे हैं : स्वामी श्यामानंद जी महाराज
थे जो अब बांग्लादेश में 71 में 30 प्रतिशत और पाकिस्तान में 15 प्रतिशत हिन्दू क्रमशः 9 प्रतिशत और 2 प्रतिशत ही रह गए हैं
भारत सरकार से बांग्लादेश को हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए जोर देने की मांग की
भारत सरकार को हमला करके शांति स्थापित करनी चाहिए : जत्थेदार बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर
भावाधस के महासचिव स्वामी ओपी द्राविड़ ने जनता से रोष प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर भाग लेने की अपील की
चण्डीगढ़, राखी: बांग्लादेश में हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचारों व उत्पीड़न की बराबर आ रहीं ख़बरों व रिपोर्टों के बाद पूरे देश में गुस्से व आक्रोश का वातावरण बन गया है। इस मुद्दे को लेकर आज चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए सनातन सुरक्षा समिति, चण्डीगढ़ के सरंक्षक स्वामी श्यामानंद जी महाराज,जो सेक्टर 39 स्थित श्री कृष्ण परनामी निजदरबार के संचालक भी हैं, ने कहा कि बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से बाहर किए जाने के बाद धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर देश में चिंता व्याप्त है। 5 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री शेख हसीना की बर्खास्तगी के बाद से धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं के खिलाफ हमलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो कि वहां की सरकार की मौन स्वीकृति तथा सक्रिय भागीदारी के साथ हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि बांगलादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा का एक चिंताजनक रुझान देखा गया है। इन हमलों के कारण न केवल जान-माल का नुकसान हुआ है, बल्कि इन समुदायों में भय का वातावरण भी उत्पन्न हो गया है। इन हमलों के परिणामस्वरूप अनेक मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों का विनाश और अपवित्रण, अल्पसंख्यकों की बेरहमी से हत्या, बलात्कार, घायल होना और विस्थापन एवं उनके घरों, व्यवसायों और संपत्तियों की लूट और आगजनी की घटनाएं चरम पर हैं। उन्होंने पड़ोसी देशों में हिंदुओं पर अत्याचारों के कारण कम होती आबादी के आंकड़े देते हुए बताया कि बांग्लादेश में 71 में 30 प्रतिशत और पाकिस्तान में 15 प्रतिशत हिन्दू थे जो अब क्रमशः 9 प्रतिशत और 2 प्रतिशत ही रह गए हैं। स्वामी श्यामानंद ने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश सरकार को अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए जोर दे और बांगलादेश में संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग उठाई जाए। इस अवसर पर जत्थेदार बाबा हरजीत सिंह रसूलपुर ने कहा कि हम हिन्दू बहुत सहिष्णु हैं, लेकिन धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठा लेना ही धर्म है। यदि ये बातों से नहीं मानते हैं तो भारत सरकार वहां हमला करके शांति स्थापित करनी चाहिए। हम गुरु की लाडली फौज धर्म स्थापना के लिए हर कुर्बानी देने को तैयार हैं। इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी एवं इस्कॉन के प्रतिनिधि बृहद प्रसाद व जितेंद्र शर्मा, भावाधस के महासचिव स्वामी ओ पी द्राविड़, स. सतिंदर सिंह एडवोकेट, प्रीति चौहान एडवोकेट व श्री चैतन्य गौडीय मठ से जयप्रकाश गुप्ता आदि भी मौजूद रहे। 8 दिसम्बर को प्लाजा में होगा जोरदार रोष-प्रदर्शन स्वामी श्यामानंद जी महाराज ने प्रेस वार्ता में घोषणा की कि बांग्ला देश में हिन्दुओं के उत्पीड़न की घटनाओं के विरोध में सनातन सुरक्षा समिति के तत्वाधान में 8 दिसम्बर, दिन रविवार को सेक्टर 17 स्थित प्लाजा में जोरदार रोष प्रदर्शन किया जायेगा। इस आयोजन में बड़ी संख्या में शहर की सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाएं बढ़-चढ़ कर भाग लेंगी। भावाधस के महासचिव स्वामी ओपी द्राविड़ ने जनता से रोष प्रदर्शन में बढ़ चढ़ कर भाग लेने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश से आ रही रिपोर्टों के मुताबिक वहां हिंदुओं को चुन-चुन कर मारा जा रहा है। घरों से निकालकर उस पर कब्जा किया जा रहा है। दुकानें लूटी और जलाई जा रही हैं। कट्टरपंथियों के दबाव में हिंदुओं को सरकारी व निजी कंपनियों की नौकरी से निकाला जा रहा है। इतना ही नहीं, पोल खुलने व देश को बदनामी से बचाने के लिए वहां की सरकार हिंदुओं को भारत या किसी और देश जाने की अनुमति भी नहीं दे रही है। वहां के हालात इतने खराब हैं कि अनुमति मिल जाए तो बांग्लादेश का हर हिंदू भारत आ जाए। वहां कोई भी हिंदू सुरक्षित नहीं है। बांग्लादेश से बाहर जाने वाले लगभग हर हिंदू का वैध पासपोर्ट और वीजा होने के बाद भी इमिग्रेशन पुलिस एयरपोर्ट पर रोक लेती है। बांग्लादेश सरकार को भय है कि हिंदू गए तो वहां उन पर हो रहे अत्याचारों और सरकार की नाकामी की पोल पूरे विश्व के सामने खुल जाएगी। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले हो रहे हैं, मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। मंदिरों को अपवित्र किया जा रहा है। दरिंदे समूह में आते हैं और बहन-बेटियों को उठा ले जाते हैं। पुख्ता रिपोर्टों के मुताबिक अनेक ऐसी घटनाएं हुईं, जिनके बारे में बताना भी मुश्किल है।