चंडीगढ़ प्रशासक से बिजली विभाग के निजीकरण सौदे को तुरंत रद्द करने किया आग्रह

चंडीगढ़, राखी: चंडीगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एच एस लक्की ने आज चंडीगढ़ प्रशासक गुलाब चंद कटारिया से आग्रह किया कि वे बिजली विभाग चंडीगढ़ को एमिनेंट कंपनी को सौंपे जाने के निजीकरण सौदे को तुरंत रद्द करें। यह घटनाक्रम यूटी पावरमैन यूनियन के प्रतिनिधिमंडल द्वारा आज लक्की से मुलाकात करने और इस सौदे में हुई घोर अनियमितताओं से अवगत कराने के बाद हुआ है। लक्की ने कहा कि कांग्रेस पार्टी शहर निवासियों और विभाग के कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए दृढ़ता से खड़ी है। उन्होंने कहा कि यह जानकर हैरानी हुई कि एक दागी कंपनी को यह सौदा दिया गया, और इस सौदे में कई तरह की अनियमितताएं हुई हैं। यह चौंकाने वाली बात है कि कोई ग्लोबल टेंडरिंग नहीं की गई और इसके बजाय  ऑफ लाइन टेंडर बुलाया गया, जबकि 10 लाख से ऊपर के टेंडर ऑनलाइन बुलाए जाने चाहिए। वर्तमान कंपनी को टेंडर वापस बुलाकर भाग लेने का विशेष अवसर दिया गया। यूटी बिजली विभाग बिना किसी बड़ी शिकायत के कई वर्षों से लाभ में है और चंडीगढ़ में अच्छी सेवा दे रहा है।  यह आश्चर्य की बात है कि इस तरह का लाभ कमाने वाला विभाग अब एक ऐसी कंपनी को दिया जा रहा है, जिसे बिजली वितरण को संभालने का कोई अनुभव नहीं है उससे भी अधिक हैरानी की बात है कि सभी संपत्तियां 1 रुपये की मामूली कीमत पर हस्तांतरित की जा रही हैं। जो उक्त कंपनी को लाभ पहुंचाने के गुप्त इरादे को दर्शाता है। लक्की ने आगे कहा कि चंडीगढ़ में बिजली की दरें सबसे कम हैं और इस कंपनी को विभाग सौंपने से चंडीगढ़ के निवासियों पर बहुत अधिक बोझ पड़ेगा। घरेलू यूनिट की सबसे कम दर अब 2 महीने में 300 यूनिट तक 2.75 पैसे है। जो कई गुना बढ़ जाएगी और चंडीगढ़ की आम जनता के हितों के लिए हानिकारक होगी। लक्की ने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासक को सार्वजनिक और राष्ट्रीय हित में तुरंत इस सौदे को रद्द करना चाहिए। कांग्रेसी सांसद मनीश तिवारी ने भी एक दिन पहले इस मुद्दे पर अपना समर्थन बिजली विभाग कर्मचारियों को दिया था।

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