देश के पूर्व कैग नंद लाल सम्बयाल की पहली पुस्तक द इनक्रेडिबल पाथ आई वॉक्ड का हुआ विमोचन
युवाओं को ध्यान में रखकर लिखी पुस्तक, जिससे वह प्रेरणा पाकर जीवन में अच्छा मुकाम हासिल कर सकें : नंद लाल सम्बयाल
चण्डीगढ़, राखी: देश के पूर्व कैग ( नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ) नंद लाल सम्बयाल, आईएएएस (सेनि) की पहली पुस्तक द इनक्रेडिबल पाथ आई वॉक्ड का आज विमोचन समारोह हुआ। चण्डीगढ़ प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में नंद लाल सम्बयाल, जिन्होंने सिविल सेवा में लगभग साढ़े तीन दशकों तक सेवाएं दीं तथा चंडीगढ़ में भी सहायक लेखा नियंत्रक का कार्यभार संभाला, की पुस्तक का विमोचन प्रकाशक सतलुज प्रकाशन, पंचकूला, के संचालक देश निर्मोही व जाने माने उद्घोषक स्टेट अवार्डी सर्वप्रिय निर्मोही, जो आकाशवाणी, चंडीगढ़ से भी जुड़े हैं, ने किया। इस अवसर पर नन्द लाल ने बताया कि ये पुस्तक आजकल के युवाओं को ध्यान में रखकर लिखी गई है, ताकि वे इससे प्रेरणा पाकर जीवन में अच्छा मुकाम हासिल कर सकें। उन्होंने बताया कि इसमें उन्होंने अपनी जीवन की यात्रा को दर्शाया है, जिसमें उनके बचपन की कठिनाइयों से लेकर उनकी शिक्षा व सिविल सेवा में बिताए गए समय और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं एवं गतिविधियों का उल्लेख किया गया है। देश निर्मोही ने कहा कि नंद लाल सम्बयाल की यह पुस्तक लेखक के जीवन का आत्मकथात्मक विवरण है। उन्होंने यह पुस्तक भावी पीढ़ियों के लिए लिखी है ताकि वे समझ सकें कि उनके समय की पीढ़ी ने कैसे अपना जीवन बिताया, उन दिनों बिना बुनियादी सुविधाओं के कैसे जीया, किस तरह संघर्ष किया और किन परिस्थितियों में बिना न्यूनतम सुविधाओं के हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से दूरस्थ गांव में जीवन व्यतीत किया। वह गांव जहाँ पानी की आपूर्ति नहीं थी, बिजली नहीं थी, सड़कें नहीं थीं, परिवार में कोई शिक्षित नहीं था आदि। आज के युवाओं को उनकी कहानी किसी परीकथा जैसी लग सकती है, लेकिन यही सच्चाई है। सर्वप्रिय निर्मोही के मुताबिक नंद लाल सम्बयाल बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। वे अच्छे खेल प्रेमी हैं और गोल्फ में सिंगल डिजिट हैंडिकैप बहुत अच्छा खेलते हैं। वे दिल्ली के कुतुब गोल्फ कोर्स के पांच वर्षों तक कप्तान रहे हैं और वहां कई पुरस्कार जीते हैं। वे अच्छे शूटर भी हैं। वे राष्ट्रीय राइफल संघ के आजीवन सदस्य हैं और दिल्ली राज्य राइफल संघ के भी आजीवन सदस्य हैं। उन्होंने 2017 में करणी सिंह शूटिंग रेंज, तुगलकाबाद, नई दिल्ली में 177 एयर पिस्टल शूटिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। प्रशिक्षण के बाद, उन्होंने विभिन्न स्थानों और पदों पर कार्य किया, जिनमें चंडीगढ़ में सहायक लेखा नियंत्रक के रूप में हरियाणा के लेखा नियंत्रक कार्यालय में, फिर उत्तर प्रदेश, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में उप लेखा नियंत्रक, जम्मू एवं कश्मीर (जे एन्ड के) में उप लेखा नियंत्रक, पर्यावरण और वन मंत्रालय, नई दिल्ली में उप सचिव, परमाणु ऊर्जा विभाग, मुंबई में लेखा निदेशक, बिहार पटना में लेखा नियंत्रक, पंजाब में लेखा नियंत्रक, गुजरात अहमदाबाद में प्रधान लेखा नियंत्रक और दिल्ली विकास प्राधिकरण, नई दिल्ली में वित्त सदस्य के रूप में कार्य किया। डीडीए के साथ अपने कार्यकाल को पूरा करने के बाद, वे अपने मूल विभाग में लौटे और भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) कार्यालय से निदेशक जनरल के रूप में सेवानिवृत्त हुए। उनका विदेश में कई बार कार्य करने का अनुभव रहा है। इनमें से कुछ हैं, 1992-93 में उन्होंने लंदन के नेशनल ऑडिट ऑफिस से वैल्यू फॉर मनी और प्रमाणन में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। 1996 में वे जापान के टोक्यो में यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी के लिए बाहरी ऑडिट टीम के नेता के रूप में गए, 1997 में केन्या के नैरोबी में यूनाइटेड नेशंस एनवायरनमेंट प्रोग्राम (यू.एन.ई.पी.) के लिए बाहरी ऑडिट टीम के नेता के रूप में, और नीदरलैंड के हेग में रासायनिक हथियारों के निषेध संगठन (ओपीसीडब्ल्यू) के बाहरी ऑडिट टीम के नेता के रूप में गए। 2002 में, भूटान सरकार ने उन्हें अपने अधिकारियों को कुछ तकनीकी मुद्दों पर प्रशिक्षण देने के लिए आमंत्रित किया।